किसी प्लॉट को खरीदने से पहले उसकी रजिस्ट्री फर्जी तो नहीं है, इसकी पुष्टि कैसे करें?

किसी प्लॉट को खरीदने से पहले उसकी रजिस्ट्री फर्जी तो नहीं है, इसकी पुष्टि कैसे करें?

किसी प्लॉट को खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि उसकी रजिस्ट्री और संबंधित दस्तावेज फर्जी न हों। फर्जी रजिस्ट्री से बचने के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं, जो भारत, विशेष रूप से गुरुग्राम जैसे क्षेत्रों में लागू होते हैं, जहां हाल ही में सर्कल रेट में वृद्धि (2025) के बाद प्रॉपर्टी लेनदेन में सावधानी और भी जरूरी हो गई है:

1. दस्तावेजों की जांच करें

  • सेल डीड/रजिस्ट्री की प्रति: मूल सेल डीड (बिक्री विलेख) मांगें और उसमें निम्नलिखित जांचें:
    • रजिस्ट्री पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन नंबर सही होना चाहिए।
    • दस्तावेज पर सब-रजिस्ट्रार कार्यालय की मोहर और हस्ताक्षर होने चाहिए।
    • रजिस्ट्री की तारीख, खरीदार और विक्रेता का नाम, और प्रॉपर्टी विवरण (खसरा नंबर, प्लॉट नंबर, क्षेत्र) सही होने चाहिए।
  • चैन ऑफ टाइटल: पिछले मालिकों की रजिस्ट्री और हस्तांतरण दस्तावेजों की श्रृंखला (7/12, जमाबंदी, या खसरा-खतौनी) जांचें ताकि प्रॉपर्टी का स्वामित्व स्पष्ट हो।
  • एन्कमब्रेन्स सर्टिफिकेट (EC): पिछले 12–30 साल का एन्कमब्रेन्स सर्टिफिकेट लें। यह दस्तावेज सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से मिलता है और दिखाता है कि प्रॉपर्टी पर कोई बकाया कर्ज, गिरवी, या कानूनी विवाद तो नहीं है।

2. सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में सत्यापन

  • प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री का सत्यापन स्थानीय सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में करें।
    • रजिस्ट्री नंबर, तारीख, और प्रॉपर्टी विवरण के साथ कार्यालय में रिकॉर्ड्स चेक करें।
    • गुरुग्राम में, आप जिला प्रशासन की वेबसाइट (gurugram.gov.in) या स्थानीय तहसील कार्यालय से रजिस्ट्री विवरण सत्यापित कर सकते हैं।
  • कई राज्यों में ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध हैं (जैसे हरियाणा में JAMABANDI पोर्टल – jamabandi.nic.in), जहां खसरा नंबर या रजिस्ट्री नंबर डालकर मालिकाना हक और दस्तावेजों की प्रामाणिकता जांच सकते हैं।
  • यदि रजिस्ट्री फर्जी है, तो वह कार्यालय के रिकॉर्ड में नहीं मिलेगी या विवरण मेल नहीं खाएंगे।

3. प्रॉपर्टी का भौतिक सत्यापन

  • साइट पर जाएं: प्लॉट की भौतिक स्थिति और स्थान की जांच करें। सुनिश्चित करें कि प्लॉट का आकार, सीमाएं, और खसरा नंबर रजिस्ट्री में दिए गए विवरण से मेल खाते हैं।
  • पड़ोसियों से पूछताछ: आसपास के लोगों से प्रॉपर्टी के मालिक और उसके इतिहास के बारे में जानकारी लें।
  • सर्वेयर की मदद: किसी प्रोफेशनल सर्वेयर से प्लॉट की माप और सीमांकन करवाएं ताकि यह सुनिश्चित हो कि प्लॉट वही है जो दस्तावेजों में दिखाया गया है।

4. विक्रेता की पहचान और विश्वसनीयता

  • पहचान पत्र सत्यापित करें: विक्रेता का आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य पहचान पत्र जांचें। आधार नंबर को UIDAI की वेबसाइट (uidai.gov.in) पर सत्यापित करें।
  • विक्रेता का इतिहास: यदि विक्रेता डेवलपर या कंपनी है, तो उनकी विश्वसनीयता, पिछले प्रोजेक्ट्स, और RERA रजिस्ट्रेशन (rera.haryana.gov.in) जांचें।
  • पावर ऑफ अटॉर्नी (POA): यदि विक्रेता POA धारक है, तो POA दस्तावेज की प्रामाणिकता और रजिस्ट्रेशन सत्यापित करें।

5. RERA और कानूनी स्थिति

  • RERA पोर्टल: यदि प्लॉट किसी डेवलपर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, तो रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016 के तहत उसका RERA रजिस्ट्रेशन नंबर जांचें। हरियाणा में, rera.haryana.gov.in पर प्रोजेक्ट विवरण और शिकायतें देख सकते हैं।
  • कानूनी विवाद: स्थानीय कोर्ट या ऑनलाइन पोर्टल (जैसे e-Courts) पर जांचें कि प्रॉपर्टी पर कोई मुकदमा या कानूनी विवाद तो नहीं है।
  • लैंड यूज: सुनिश्चित करें कि प्लॉट का उपयोग (रिहायशी, व्यावसायिक, या कृषि) स्थानीय विकास प्राधिकरण (जैसे HUDA या गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी) के नियमों के अनुसार है।

6. ऑनलाइन और डिजिटल सत्यापन

  • जमाबंदी रिकॉर्ड: हरियाणा में, JAMABANDI पोर्टल पर खसरा/खतौनी नंबर डालकर मालिकाना हक और प्रॉपर्टी का इतिहास देख सकते हैं।
  • डिजिटल रजिस्ट्री: कई राज्यों में डिजिटल रजिस्ट्री सत्यापन की सुविधा है। गुरुग्राम में, आप जिला प्रशासन या तहसील की वेबसाइट पर रजिस्ट्री नंबर डालकर सत्यापित कर सकते हैं।
  • भूलेख पोर्टल: भूलेख पोर्टल (bhulekh.nic.in) पर जमीन के रिकॉर्ड और मालिकाना हक की जानकारी मिल सकती है।

7. वकील या प्रॉपर्टी विशेषज्ञ की मदद

  • एक अनुभवी प्रॉपर्टी वकील या चार्टर्ड अकाउंटेंट को नियुक्त करें जो दस्तावेजों की जांच करे और टाइटल सर्च करे।
  • वकील यह सुनिश्चित करेगा कि प्रॉपर्टी का टाइटल क्लियर है और कोई फर्जीवाड़ा नहीं है।
  • वे गुरुग्राम में हाल की सर्कल रेट वृद्धि (जैसे बजघेड़ा में 145% वृद्धि) के आधार पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की भी जांच कर सकते हैं।

8. अतिरिक्त सावधानियां

  • बैंक लोन सत्यापन: यदि आप लोन लेकर प्लॉट खरीद रहे हैं, तो बैंक प्रॉपर्टी के दस्तावेजों की गहन जांच करता है। उनके सत्यापन पर भरोसा कर सकते हैं।
  • नक्शा और अनुमोदन: सुनिश्चित करें कि प्लॉट का लेआउट और डेवलपमेंट प्लान स्थानीय प्राधिकरण (जैसे HUDA या GMDA) से अनुमोदित है।
  • नकली दस्तावेजों की पहचान: फर्जी रजिस्ट्री में अक्सर असामान्य फ़ॉन्ट, गलत मोहर, या अस्पष्ट विवरण होते हैं। मूल दस्तावेजों की तुलना करें।

गुरुग्राम में विशेष सावधानियां (2025 संदर्भ)

  • सर्कल रेट्स की जांच: गुरुग्राम में 2025 में सर्कल रेट में 20–145% की वृद्धि हुई है (जैसे बजघेड़ा में ₹5 करोड़ प्रति एकड़)। सुनिश्चित करें कि रजिस्ट्री में उल्लिखित मूल्य नए सर्कल रेट्स के अनुरूप है, वरना कम मूल्य दिखाने पर स्टांप ड्यूटी के साथ जुर्माना लग सकता है।
  • तकनीकी समस्याएं: गुरुग्राम में रजिस्ट्री के पहले दिन (1 अगस्त 2025) कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आई थीं। इसलिए, ऑनलाइन सत्यापन के साथ-साथ ऑफलाइन रिकॉर्ड्स भी चेक करें।
  • HUDA/GMDA नियम: गुरुग्राम में, सुनिश्चित करें कि प्लॉट HUDA या GMDA के मास्टर प्लान के तहत रिहायशी या व्यावसायिक उपयोग के लिए अनुमोदित है।

सुझाव

  • जल्दबाजी न करें: सभी दस्तावेजों की जांच के बाद ही भुगतान करें।
  • ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग: हरियाणा के डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे JAMABANDI और RERA का उपयोग करें।
  • स्थानीय मदद: स्थानीय तहसीलदार या प्रॉपर्टी डीलर से संपर्क करें जो क्षेत्र के नियमों से परिचित हों।
  • कानूनी सलाह: हमेशा एक वकील से टाइटल और रजिस्ट्री की जांच करवाएं।

इन कदमों से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्लॉट की रजिस्ट्री फर्जी नहीं है और आपका निवेश सुरक्षित है।

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